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Showing posts from May, 2020

Natural Disaster

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प्रकृति से उत्पन्न असामयिक घटना प्राकृतिक आपदा का स्वरूप है। प्राकृतिक आपदा एक ऐसी घटना है जिसका कोई समय निश्चित नही होता और न ही इसका कोई प्रारूप होता है कि कब कोनसी आपदा आ जायें। समय-समय पर आने वाली इन प्राकृतिक आपदाओं से सम्पूर्ण जीव जगत प्रभावित होता है जिसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ता हैं। वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी उन्नति वाले समय मे इन प्राकृतिक आपदाओं के पूर्वानुमान और इनसे बचने के लिए अनेक तकनीक विकसित की गई हैं फिर भी उनसे इन आपदाओं को नही रोका जा सकता। भूस्खलन, चक्रवाती तूफान, अतिवृष्टि, अनावर्ष्टि, ज्वालामुखी विस्फोट ऐसी आपदाएं हैं जिनका कोई समाधान नही है और सम्पूर्ण मानव जगत इससे प्रभावित हुए बिना नही रह सकता है। एक तरफ जहाँ उन्नत प्रौद्योगिकी और विकसित वैज्ञानिक तकनीक भी इन प्राकृतिक आपदाओं को नही रोक सकती वही दूसरी तरफ अगर आध्यात्मिकता की बात की जाए तो एक पूर्ण संत जो उस परमेश्वर का अंश होता है वो अपनी आध्यात्मिक शक्ति के प्रभाव से इन प्राकृतिक आपदाओं से बचा सकता है।  वर्तमान में विश्व मे संत रामपाल जी महाराज ऐसे पूर्ण संत हैं जो अपनी आध्यात्मिक

Environmental Pollution

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सम्पूर्ण जीव जगत को जिसने चारों तरफ से घेर रखा हैं वो हैं हमारा पर्यावरण । शाब्दिक अर्थ किया जाए तो सम्पूर्ण बाह्य परिस्थितियों और प्रभाव का जीव जगत पर पड़ने वाला प्रभाव ही पर्यावरण हैं और इस पर्यावरण में आमूल-चूल परिवर्तन से जीव जगत पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को पर्यावरण-प्रदूषण के नाम से जाना जाता है। जिसके अनेक स्वरूप हैं वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण आदि। प्रकृति ने जीव जगत को अनमोल धरोहर के रूप में एक स्वछ पर्यावरण दिया है जिसका एक निश्चित सीमा में रहकर दोहन किया जाए तो इसका लम्बे समय तक बिना किसी दुष्प्रभाव के लाभ उठा सकते परन्तु अगर इसकी सीमाओं को लाँघकर इसका विदोहन किया गया तो यही जीवनदायक पर्यावरण अनेक दुष्परिणामो को जन्म दे सकता हैं जिसका उदाहरण वर्तमान में देखने को मिल रहा है। एक तरफ जहाँ सारा विश्व पर्यावरण पर मंडरा रहे संकट से परेशान हैं वही दूसरी तरफ  सन्त रामपाल जी महाराज द्वारा किये जा रहे सामाजिक पुनरोत्थान के कार्यो से इस पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से मुक्ति मिल रही हैं। आज जहाँ संत रामपाल जी महाराज जी के आद्यात्मिक ज्ञान से एक नई क्र

सतभक्ति के अभाव में नास्तिकता की ओर अग्रसर समाज

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प्रतिदिन जब हम सुबह उठते हैं तो सबकी जीवनदायिनी प्रकृति अनवरत चलती रहती हैं अब इसको कोई इंसान तो चला नही रहा, कोई शक्ति तो हैं जिसके नियंत्रण से इसका संचालन हो रहा है जैसे वैज्ञानिक कोई  उपग्रह अंतरिक्ष मे छोड़ते हैं तो स्वयं तो उसके साथ नही जाते परन्तु नीचे से ही उस उपग्रह का संचालन करते हैं उसी प्रकार इस सृष्टि का संचालन उस दिव्य शक्ति के हाथ मे हैं। वर्तमान में अधिकतर मानव ने उस परम शक्ति के वर्चस्व को स्वीकार करने से मना कर दिया उनका मानना है कि आदि शक्ति या दिव्य शक्ति जैसी कोई चीज नही है इंसान ही सबकुछ हैं और वही भगवान हैं इस तरह के सिद्धांत से उस ईश्वर को नकारने से एक धारणा बन गयी और वो है :- नास्तिकता। नास्तिकता ऐसी धारणा हैं जिसने इंसान को उस परमेश्वर से दूर कर दिया और यह सब कुछ अज्ञानी गुरुओ की वजह से जिनको सतभक्ति का ज्ञान नही था जिससे कोई आध्यात्मिक लाभ नही होने से मानव इस नास्तिकता के चंगुल में फंसता चला गया। आज इस नास्तिकता के प्रसार में सबसे बड़ा योगदान के बारे में कहा जाए तो वो है बौद्ध धर्म के प्रवर्तक:-  गौतम बौद्ध । इन्होंने भगवान की खोज में सतगुरु के बि

अविनाशी लोक :- सतलोक

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मानव जीवन असंख्य जन्मों के बाद प्राप्त होता है उसका मूल उद्देश्य सतभक्ति करके उस अविनाशी स्थान सतलोक को प्राप्त करना है परंतु आज दिन तक किसी भी संत ने उस अविनाशी लोको प्राप्त करने की सत भक्ति नहीं बताई। वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज सभी शास्त्रों के आधार पर पूर्ण मोक्ष प्राप्त करने वाली सद्भक्ति बता रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखें साधना टीवी शाम 7:30 बजे Must Visit

नशा:- समाज का सर्वनाश

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आज मानव जगत अपनी बौद्धिक ताकत के बल पर उन्नति के शिखर पर पहुच गया परन्तु इसी के साथ दुनिया के इस चकाचौंध में अनेक दुर्व्यसनों का शिकार हो गया उनमे एक हैं - शराब । आज इसकी वजह से समाज का नैतिक पतन होता जा रहा है। इसी की वजह से अनेक लाइलाज बीमारियों का शिकार हो रहा है। वर्तमान माज के इस बिगड़ते स्वरूप को अपने आध्यात्मिक ज्ञान से एक नई दिशा देने वाले महापुरुष हैं  :- Saint Rampal Ji Maharaj . आज संत रामपाल जी महाराज जी अलौकिक ज्ञान से प्रभावित होकर लाखों लोगों ने नशा त्याग करके अपना खुशहाल जीवन जी रहें हैं  अधिक जानकारी के लिए अवश्य संत रामपाल जी महाराज जी के  प्रवचन साधना टीवी शाम 7:30 बजे Must Visit

मानवता की मिशाल Saint Rampal Ji Maharaj

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                                                 मानवता की मिशाल                   Saint Rampal Ji Maharaj प्रायः आज विश्व में सभी धर्मों के अनुयायी हैं और कोई सा भी धर्म सिद्धान्त आपस मे वैमनस्य भाव नही सिखाता परन्तु इन धर्मों के अज्ञानी धर्मगुरु अपने स्वार्थवश वास्तविक सिद्धान्त नही बताते जिससे आपस मे राग-द्वेष, ईर्ष्या पैदा हो गए और मानवता का पतन हो रहा है।                                       वास्तविक सतगुरु वही होता है जो सभी पवित्र धार्मिक सद्ग्रंथों से ज्ञान बताये और सभी के अंदर से सभी विकारों को समाप्त करे तथा आपस मे बिखरे मानव समाज को एकता के सूत्र में बाँधे।                       वर्तमान में  संत रामपाल जी महाराज ऐसे संत हैं जिनके अध्यात्म ज्ञान का सारा विश्व लोहा मान चुका है और अपने आध्यात्मिक ज्ञान के प्रभाव से एक मानवता की मिशाल पेश की है। उनके द्वारा दिये गये अनमोल ज्ञान से लाखों लोग नशे जैसे दुर्व्यसन से मुक्त हो चुके और अपना खुशहाल जीवन जी रहे हैं। आज जहाँ पूरा विश्व कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है और इसी कारण से सभी लोग अपने घरों में कैद हैं।