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Present day Of Diwali

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सांस्कृतिक विविधताओं वाले भारतवर्ष में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं जो भारत की अनेकता में एकता की विशेषता को दर्शाता है।।                                                             इन त्योहारों में हिंदू धर्म के अंतर्गत मनाया जाने वाला दीपावली पर्व प्रसिद्ध है जिसको त्रेता युग में दशरथ पुत्र रामचंद्र जी के 14 वर्ष वनवास पूर्ण करके वापिस लौटने के उपलक्ष में मनाया जाता है हिंदु धर्म के अनुसार रामचंद्र जी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है जिनको धार्मिक ग्रंथों में त्रिलोकीनाथ भी कहा जाता है। दीपावली को एक आपसी प्रेम और भाईचारे के पर्व के रूप में मनाया जाता है परंतु आज वर्तमान में इस दिन लोग नशा शराब आदि बुराइयां करते हैं जिसकी वजह से आपसी लड़ाई झगड़े हो जाते हैं और अनेक अशुभ घटनाएं घटित हो जाती है जिसकी वजह से धीरे-धीरे इस पर्व का स्वरूप बिगड़ता जा रहा है।                             आज दीपावली पर की जाने वाली आतिशबाजी से भी पर्यावरण प्रदूषण जैसी समस्या पैदा होने लगी है। आज वर्तमान में इन त्योहारों का स्वरूप बिगड़ता जा रहा है क्योंकि इन त्यौहारों को मनाने के ल

Importance of Nature

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                      प्रकृति का महत्व आज प्रकृति के अस्तित्व के बिना मानव जीवन की परिकल्पना भी नही की जा सकती है क्योंकि इसके बिना सम्पूर्ण प्राणी-जगत अधूरा है। प्रकृति ने जीव जगत को ऐसी अनमोल धरोहर दी है जिसकी वजह से सम्पूर्ण प्राणी चलायमान है। इसी प्रकृति से मनुष्यों को प्राणदायक ऑक्सीजन मिलती है और जब हम पेड़ पोधों की सुंदरता को देखते हैं तो महसूस होता है की प्रकृति से कितनी सुंदरता प्राप्त हुई है। प्रकृति ने स्वयं अपना सामंजस्य बना रखा है ओर इसी वजह से हमारा मानव जीवन संभव है। इस प्रकृति में कही बंजर भूमि तो कही उपजाऊ मैदान, कही ऊँचे-ऊँचे पर्वत तो कही विशाल नदियों का मार्ग। जिस प्रकार प्रकृति ने अपना तालमेल बैठा रखा है अपना भी फ़र्ज़ बनता है कि हम इसकी रक्षा करे और पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में सहयोग करे। वर्तमान के आधुनिकीकरण ने प्रकृति के अद्भुत सौंदर्य को बहुत नुकसान पहुँचाया है। पहले तो उद्योगों के विस्तार के लिए जंगलो का विनाश फिर उन्ही उद्योगों से निकलने वाली जहरीली गैसों ने अनमोल प्रकृति को छलनी कर दिया है और इसी की वजह से मनुष्य को अनेक प्राकृतिक आपदा

A Real Satguru Is God

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                  गुरु भगवान का स्वरूप सभी पवित्र शास्त्रो में गुरु की महिमा का बखान किया गया है और बताया गया है कि एक सतगुरु के बिना मनुष्य जीवन अधूरा है क्योंकि एक सच्चा सतगुरु ही हमे 84 लाख योनियों से मुक्ति दिला सकता है। शास्त्रो में बताया गया भी है गुरु गोविंद दोनों खड़े किसके लागु पाय। बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताये।। एक सतगुरु का स्थान पूर्ण परमात्मा से भी ऊँचा बताया गया है क्योंकि अगर सतगुरु नही मिले तो उस भगवान को नही पाया जा सकता जो परम शांतिदायक है।  शास्त्रो में लिखा भी है गुरुर्ब्रह्मा: गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरु: साक्षात परम् ब्रह्म: तस्मे श्री गुरवे नम:।। इसीलिये एक गुरु को भगवान का दर्जा दिया जाता हैं। जैसे गणित के सवाल में वास्तविक मूलधन निकालने के लिए माना कि मुलधन 100 मानना पड़ता है उसी प्रकार एक सतगुरु को भगवान माने बिना उस वास्तविक परमात्मा को प्राप्त नही किया जा सकता। एक सच्चा सतगुरु भी वही हैं जो सभी शास्त्र आधारित ज्ञान बताये ओर वो ज्ञान वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज बता रहे हैं जो सभी शास्त्रो से प्रमाणित है। अवश्य देख

Janmashtami

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                            जन्माष्टमी जब पृथ्वी पर कोई दैवीय शक्ति जन्म लेती हैं तो उसको यादगार बनाने के लिए उस दिन को जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, इसी कड़ी में विष्णु भगवान जिनको त्रिलोकीनाथ के नाम से भी जाना जाता है, अपनी लीला करने के लिए द्वापर युग मे श्रीकृष्ण जी के रूप में जन्म लिया और उस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में जाना जाता हैं। सभी पवित्र शास्त्र बताते हैं कि श्री कृष्ण जी द्वापर युग मे आये और उन्होंने माँ की कोख से जन्म लिया। उनकी माता देवकी और पिता वासुदेव थे जबकि वही दूसरी तरफ पवित्र वेदों में प्रमाण है कि जब पूर्ण परमात्मा अपनी लीला करने आता हैं तो वो सशरीर आते हैं और सशरीर ही जाते हैं और इसका प्रमाण है कि कबीर साहेब जो सशरीर आये थे और सशरीर ही गये, इससे सिद्ध होता है कि कबीर साहेब पूर्ण परमात्मा हैं। श्रीकृष्ण जी जो तीन लोको के भगवान है उन्होंने अपने मित्र सुदामा को एक मुट्ठी चावल के बदले में उनका महल बनवा दिया था जबकि कबीर साहेब ने एक रोटी के बदले में तैमूरलंग को 7 पीढ़ी का राज दे दिया था। इससे प्रमाणित होता है कि पूर्ण परमात्मा कुछ भी क

Bible:- God In Form

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                  सबका मालिक एक आज दिन तक सभी धर्म यही बताते आ रहे कि सबका मालिक एक है उसको रब, गॉड, परमेश्वर किसी भी नाम से पुकारों एक ही बात है। अगर यह बात सही है तो कोई आज दिन तक क्यो नही बता पाया कि वो एक परमेश्वर कौन हैं? वर्तमान में जितने भी धार्मिक गुरु है उनमे आध्यात्मिक ज्ञान के अभाव में सतभक्ति की जानकारी नही है और इसी वजह से शास्त्र विरुद्ध साधना समाज को बताकर उनका मानव जीवन बर्बाद किया जा रहा है। जबकि सभी धार्मिक सतग्रन्थ बता रहे हैं कि वो परमेश्वर साकार है और उसका नाम कबीर साहेब है, और ये अनमोल ज्ञान बताया तत्वदर्शी   संत रामपाल जी महाराज ने। पवित्र बाइबिल में प्रमाण है कि उस परमेश्वर ने छः दिन में सृष्टि रचना की और सातवें दिन विश्राम किया इससे सिद्ध है कि वो परमेश्वर साकार है जबकि आज दिन तक उस परमेश्वर को निराकार बताया जाता रहा है। Must Visit अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखिये साधना TV शाम 7:30 बजे

Divine Play Of God Kabir

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कबीर परमेश्वर की लीलाएं एक बार परमात्मा कबीर साहेब जी जब 5 वर्ष की आयु के थे उस समय उन्होंने 104 वर्ष की आयु के रामानंद जी के साथ ज्ञान चर्चा की, उनके साथ कई लीलाएं की, अपना परिचय करवाया तथा सतलोक दिखाया तब रामानंद जी को दृढ़ विश्वास हुआ|  हनुमान जी का कल्याण करने वाले अयोध्या वाले रामचंद्र जी नहीं थे, बल्कि आदि राम कबीर परमेश्वर थे। कबीर परमात्मा ने हनुमान जी को मुनींद्र रूप में आकर मोक्ष मार्ग बताया था तथा उनका कल्याण किया था। अवश्य देखें ईश्वर टीवी शाम 8:30 Must Visit

Natural Disaster

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प्रकृति से उत्पन्न असामयिक घटना प्राकृतिक आपदा का स्वरूप है। प्राकृतिक आपदा एक ऐसी घटना है जिसका कोई समय निश्चित नही होता और न ही इसका कोई प्रारूप होता है कि कब कोनसी आपदा आ जायें। समय-समय पर आने वाली इन प्राकृतिक आपदाओं से सम्पूर्ण जीव जगत प्रभावित होता है जिसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ता हैं। वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी उन्नति वाले समय मे इन प्राकृतिक आपदाओं के पूर्वानुमान और इनसे बचने के लिए अनेक तकनीक विकसित की गई हैं फिर भी उनसे इन आपदाओं को नही रोका जा सकता। भूस्खलन, चक्रवाती तूफान, अतिवृष्टि, अनावर्ष्टि, ज्वालामुखी विस्फोट ऐसी आपदाएं हैं जिनका कोई समाधान नही है और सम्पूर्ण मानव जगत इससे प्रभावित हुए बिना नही रह सकता है। एक तरफ जहाँ उन्नत प्रौद्योगिकी और विकसित वैज्ञानिक तकनीक भी इन प्राकृतिक आपदाओं को नही रोक सकती वही दूसरी तरफ अगर आध्यात्मिकता की बात की जाए तो एक पूर्ण संत जो उस परमेश्वर का अंश होता है वो अपनी आध्यात्मिक शक्ति के प्रभाव से इन प्राकृतिक आपदाओं से बचा सकता है।  वर्तमान में विश्व मे संत रामपाल जी महाराज ऐसे पूर्ण संत हैं जो अपनी आध्यात्मिक