*संतो की शिक्षा*

                         संतो की जन्मभूमि
हिंदुस्तान ने  प्राचीन काल से ही विश्व गुरु का ताज अपने सिर पर सुशोभित कर रखा है क्योंकि यहाँ पर अनेक साधु-संत, समाज-सुधारकों ने अपने मार्गदर्शन से अंधविश्वास औऱ कुरीतियों के दलदल में फंसे हुए मानव समाज को एक नई दिशा दी है जिससे उन्होंने अपना नारकीय जीवन से मुक्ति पाकर अपना सुखमय जीवन व्यतीत किया

इनके अंतर्गत  संत नानक जी,  sant kabir जी, दादूदयाल जी, घीसादास जी अनेक संत हुए जिन्होंने तत्कालीन धर्म गुरुओं द्वारा चलाई जा रहे पाखंडवाद से संघर्ष करके भोली जनता को सच्चाई से अवगत कराया।

                    जीवन मे संतो का प्रभाव

आज जिसको भी यह मानव शरीर भगवान ने अनमोल तोहफे के रूप में दिया हैं उसका फर्ज़ बनता है कि इसको व्यर्थ में न गवाएं। क्योंकि बहुत पुण्य कर्मों के प्रतिफल में यह मानव जीवन मिलता हैं।
इस मानव जीवन मे एक पूर्ण संत का मिलना भी बहुत आवश्यक है क्योंकि जैसे एक बाग को सींचने के लिए एक माली की जरूरत होती है उसी प्रकार इस जीवन को सफल बनाने के लिए भी एक पुर्ण संत की आवश्यकता है क्योंकि वही हमे अच्छे बुरे की पहचान करवा सकता हैं और उस परमेश्वर के पथ पर अग्रसर करता हैं जिसकी खोज में सभी लगे हुए हैं जिसका प्रमाण पवित्र गीता जी मे भी बता रखा हैं
बहूनां जन्मानाम ज्ञानवान माम    प्रपद्यते।
वासुदेव सर्वम इति स: महात्मा दुर्लभः।।

 

                 


   सामाजिक परिदृश्य में  sant kabir  जी की 
                 शिक्षाओं का  मूल्यांकन
वर्तमान में समाज का सामाजिक ढांचा जिस तरह से चरमरा रहा है उसको एक नई दिशा और मार्गदर्शन देने की आवश्यकता है क्योकि चोरी-डकैती, जाती-पाती, भ्रष्टाचार, भ्रूण-हत्या, नशाखोरी अनेक ऐसी समस्याये हैं जिससे सारा मानव समाज जूझ रहा है अगर इसको अभी संभाला गया तो आगामी परिणाम घातक हो सकते है और इसको sant kabir जी की शिक्षाओं से ही ठीक कर सकते हैं।

इन समस्याओं के बीच मे एक आशा की भी हैं वो हैं
            संत रामपालजी_महाराज
क्योकि इनके द्वारा दी गयी शिक्षा से आज लाखो लोगो ने नशा, चोरी, भ्रूण हत्या, दहेज अनेक सामाजिक कुरीतियों का जड़ से उन्मूलन कर दिया हैं।


आज इनके द्वारा किये जा रहे  दहेजमुक्त_रमैनी (शादिया) जगजाहिर हैं जो किसी से छुपी नहीं हैं। इनके द्वारा अनेक सामाजिक सामंजस्य को बढावा देने वाले कार्यक्रम भी समय समय पर किये जा रहे है।


अधिक जानकारी के लिए
jagatgururampal ji.org  पर भी सर्च कर सकते है।

                       संतो की शिक्षा का महत्व
संतो की शिक्षाओं का सबसे महत्वपूर्ण योगदान यह रहा है कि इनसे प्रेरित होकर व्यक्ति स्वयं भी अच्छे कार्य के लिए प्रेरित होता है और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करता है जिसका परिणाम सुखद होता है।

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